EMI will neither increase nor decrease, RBI kept repo rate stable at 6.5%, estimated economic growth rate to be 7%, ईएमआई ना बढ़ेगी, ना घटेगी, आरबीआई ने रेपो रेट को 6.5% पर बरकरार रखा, आर्थिक वृद्धि दर 7% रहने का अनुमान जताया :

RBI kept repo rate stable at 6.5

RBI kept repo rate stable at 6.5%, RBI ने रेपो रेट को 6.5% पर रखा बरकरार :

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष की पहले दवा मासिक मौद्रिक नीति समीक्षा करते हुए रेपो रेट की दर को 6.5% पर बरकरार रखा गया । आरबीआई की 6 सदस्यों वाली मॉनिटरी पालिसी कमेटी ने 5-1 के बहुमत के साथ रेपो रेट को 6.5% पर बरक़रार रखने का फैसला किया ।

अर्थशास्त्रियों द्वारा इस बात का अनुमान पहले ही जताया जा रहा था कि इस वित्त वर्ष की पहली मौद्रिक निति में किसी तरह का बदलाव नहीं करेगी और आरबीआई की मॉनिटरी पालिसी कमेटी ने अर्थशास्त्रियों के अनुमान पर खरा उतरते हुए रेपो रेट को 6.5% ही बनाए रखा ।

सात बार से कोई बदलाव नहीं, पिछली बार फरवरी 2023 में बदली थी रेपो रेट की दर :

RBI द्वारा रेपो रेट की दर में कोई बदलाव ना करने से ऐसा लगातार सातवीं बार हुआ है जब भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट की दर में कोई बदलाव नहीं किया है । इससे पहले फरवरी 2023 में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट की दर को बदला था । उस समय रेपो रेट को बढ़ाकर 6.5% कर दिया गया था और तबसे यह इसी पॉइंट पर बरक़रार है ।

इस बारे में बात करते हुए रिजर्व बैंक ने बताया की महंगाई की दर को 4% पर लाने और देश की आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए रेपो रेट की दर को 6.5% पर पर बरकार रखने का फैसला किया गया है । आपको बता दें कि सरकार की और से आरबीआई को मंहगाई दर 2% से 6% के बीच रखने का लक्ष्य मिला है जिसे पूरा करने के लिए आरबीआई प्रतिबद्ध नजर आ रही है ।

क्या होती है रेपो रेट की दर ?

रेपो रेट की दर वह ब्याज दर होती है जिस पर विभिन्न वाणिज्यिक बैंक केंद्रीय रिजर्व बैंक से रूपया उधर लेते हैं । रेपो रेट दर को बेसिक इंटरेस्ट रेट भी कहा जाता है क्योंकि उपभोक्ता द्वारा बैंको से लिए जाने वाले विभिन्न प्रकार के कर्जों के ऊपर लगने वाले ब्याज की दरें इसी रेपो रेट से निर्धारित होती हैं । 

अब रेपो रेट की दर में कोई बदलाव न होने से यह माना जा सकता है कि उपभोक्ताओ द्वारा बैंको से लिए गए कर्जे पर ब्याज की दरें भी स्थिर रहेंगी और उनमें कोई बदलाव नहीं होगा ।

EMI ना बढ़ेगी, ना घटेगी :

रेपो की दर को स्थिर रखा गया है इसलिए बैंको के कर्जो की दर भी स्थिर रहेगी । इसका सीधा सा मतलब यह है कि फिलहाल लोगो द्वारा लिए गए होम लोन, व्हीकल लोन और अन्य तरह के कर्जो की हर माह भरी जाने वाली क़िस्त यानि ईएमआई में भी कोई बदलाव नहीं होगा ।

हालांकि इससे उपभोक्ताओ को थोड़ी निराशा जरुर होगी कयोंकि वो अपनी EMI में कमी होने की उम्मीद लगा रहे थे, लेकिन अब ऐसा कुछ नहीं होने जा रहा है । उन्हें पहले की तरह ही अपनी EMI का भुगतान करना होगा ।

आर्थिक वृद्धि दर 7% रहने का अनुमान :

रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने देश में आर्थिक विकास की दर 7% रहने का अनुमान जताया है । आरबीआई के गवर्नर शशिकांत दस ने कहा कि देश की ग्रामीण मांग में मजबूती, रोजगार तथा असंगठित क्षेत्र की हालत में सुधर होने से तथा विनिर्माण और सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में तेजी आने से निजी उपभोग को बढ़ावा मिलेगा ।

उन्होंने यह भी कहा कि देश में मुद्रास्फीति का दबाब भी काम होने की उम्मीद है और इस आधार पर उन्होंने 2024-25 के लिए आर्थिक विकास की दर को 7 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया ।

शशिकांत दस ने कहा कि आरबीआई खुदरा महंगाई दर पर नजर रखेगा और विशेष रूप से गर्मी के मौसम में सब्जियों की कीमत पर अपनी नजर रखेगा और लोगो को राहत देने के लिए आवश्यक कदम उठाएगा ।

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Mrs. Pragya एक आर्ट्स ग्रेजुएट हैं । उन्होंने एम जे पी रूहेलखंड यूनिवर्सिटी से अपना BA किया है । उन्हें साहित्य में रूचि है । वे विशेषकर कहानियां पढ़ना पसंद करतीं हैं । इसके आलावा वे काम की न्यूज को ऑनलाइन खोजती हैं और उन्हें इस ब्लॉग के माध्यम से हिंदी में पाठको तक पहुंचाती हैं ।
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