Read Lal Krishna Advani Jeevan Parichay, पढ़िए हमारे 50वे भारत रत्न, लालकृष्ण आडवाणी जी का जीवन परिचय :

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Lal Krishna Advani Jeevan Parichay, लालकृष्ण आडवाणी जीवन परिचय :

अभी हाल ही में भारत रत्न से सम्मानित होने वाले श्री लालकृष्ण आडवाणी जी भारतीय राजनीति का एक चर्चित चेहरा रहे हैं । उन्होंने श्री अटल बिहारी वाजपेई जी के साथ मिलकर न केवल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की स्थापना की बल्कि उसे भारतीय राजनीति में स्थापित करके सफलता की ऊंचाइयों तक भी पहुंचाया । कहा जाता है कि आज भाजपा जिस मुकाम पर पहुँची है उसे वहाँ तक पहुँचाने में सबसे ज्यादा योगदान आडवाणी जी का ही है । आइये उनके बारे में और ज्यादा जानते हैं । 

Lal Krishna Advani Jeevan Parichay, जन्म और प्रारंभिक जीवन :-

श्री लालकृष्ण आडवाणी जी का जन्म 8 नवंबर सन 1927 को पाकिस्तान के कराची शहर में एक हिंदू सिंधी परिवार में हुआ था । उनके पिताजी का नाम श्री किशन चंद आडवाणी और माता जी का नाम श्रीमती ज्ञानी देवी था । उनकी शुरुआती शिक्षा कराची के सेंट पैट्रिक हाई स्कूल में हुई थी जिसे पूरा करने के बाद उन्होंने हैदराबाद, सिंध के डीजी नेशनल स्कूल में आगे की शिक्षा ग्रहण की । 

फिर भारत विभाजन के समय उनके परिवार ने पाकिस्तान छोड़ दिया और भारत के मुंबई में आकर बस गया । फिर उन्होंने मुंबई के लॉ कॉलेज ऑफ़ बॉम्बे यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की । इसके बाद वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और उन्होंने राजस्थान में संघ की गतिविधियों कार्यभार संभाला ।

Lal Krishna Advani Jeevan Parichay, राजनीतिक यात्रा :- 

लालकृष्ण आडवाणी जी सन 1951 में स्व o श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा स्थापित भारतीय जन संघ में शामिल हो गए थे और उसकी राजस्थान इकाई के सचिव बने । फिर बाद में वे दिल्ली चले आए और उन्होंने जनसंघ की दिल्ली इकाई का कार्यभार संभाला । उसके बाद सन 1967 में उन्हें दिल्ली महानगर परिषद का अध्यक्ष चुना गया और वे उसी दौरान वे आरएसएस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी रहे । सन 1970 उन्होंने पहली बार राज्यसभा के सदस्य के रूप में शपथ ली फिर लगातार चार कार्यकाल तक वे इसके सदस्य रहे ।

सन 1973 में उन्होंने भारतीय जनसंघ का अध्यक्ष चुना गया, लेकिन फिर 1977 के आम चुनाव से पहले जनसंघ का विलय जनता पार्टी में हो गया । फिर 1977 के आम चुनाव में जनता पार्टी की जीत के बाद मोरारजी देसाई की गठबंधन सरकार में उन्होंने भारत के केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री के रूप में शपथ ली । सूचना और प्रसारण मंत्री के रूप में उन्होंने आपातकाल के दौरान बनाए गए प्रेस विरोधी कानून को निरस्त करके प्रेस की सेंसरशिप ख़त्म को खत्म किया और मीडिया की स्वतंत्रता को बचाने के लिए सुधारों की शुरुआत की ।

Lal Krishna Advani Jeevan Parichay, भारतीय जनता पार्टी का गठन :- 

मोरारजी देसाई की सरकार के पतन के बाद, जब भारतीय जन संघ का विभाजन हो गया था तब 1980 में आडवाणी जी ने श्री अटल बिहारी वाजपेई जी के साथ मिलकर एक नई राजनीतिक पार्टी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की स्थापना की और जनसंघ पुराने लोगों को इसमें शामिल किया । 

भाजपा को भारतीय राजनीति में स्थापित किया और आगे बढ़ाया :-

1980 में अपनी स्थापना के बाद भारतीय जनता पार्टी केवल नाम मात्र का ही समर्थन मिला था और यह 1984 के लोकसभा चुनावो में लोकसभा की केवल 2 सीटें ही जीत पाई थीं, जिससे पार्टी के कार्यकर्ता बेहद निराश हो गए थे । लेकिन फिर 1990 में आडवाणी जी ने राम मंदिर आंदोलन के लिए राम रथ यात्रा निकालकर पूरे देश में भाजपा के लिए एक लहर पैदा कर दी जिसका परिणाम यह हुआ कि 1991 के लोकसभा चुनावो में भाजपा कांग्रेस की 244 सीटों के बाद दूसरी सबसे ज्यादा, 122 सीटें जीतकर नंबर दो की पार्टी बन गई और उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में उसकी सरकार भी बनी । 

उसके बाद भी आडवाणी जी ने अटल बिहारी वाजपेई जी के साथ मिलकर अपनी लगातार सक्रिय भूमिका से भाजपा को आगे बढ़ाया जिससे 1998 में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार बनने का मार्ग प्रशस्त हुआ । श्री अटल बिहारी वाजपेई जी के नेतृत्व वाली सरकार में आडवाणी जी गृहमंत्री बने थे । यह सरकार 13 महीने चली, लेकिन फिर 1999 के चुनाव में फिर से अटल जी के नेतृत्व में भाजपा सरकार बनी और आडवाणी जी भी फिर से गृहमंत्री बने । फिर सन 2002 में वे भारत के उप प्रधानमंत्री भी बने और 2004 तक इस पद पर रहे ।

Lal Krishna Advani Jeevan Parichay, राजनीति में बुरा समय :

हालांकि भारतीय जनता पार्टी का बुरा समय 2004 के लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद ही शुरू हो गया था, लेकिन आडवाणी जी अपना लोकसभा चुनाव जीत कर लोकसभा में विपक्ष का नेता बनने में कामयाब रहे । उन्होंने 2009 के लोकसभा चुनाव में भी छठी बार लोकसभा का चुनाव जीता उनकी पार्टी भाजपा एक बार फिर हार गई । इससे उनके नेतृत्व पर सवाल उठने लगे थे जिसके बाद उनकी राजनीतिक सक्रियता भी कम हो गयी ।

फिर 2014 के लोकसभा चुनाव में श्री नरेंद्र मोदी को भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा से नाराज होकर उन्होंने अचानक पार्टी के सभी पदो से इस्तीफा दे दिया जिसे बाद में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं द्वारा अस्वीकार कर दिया गया और उन्हें मना लेने की बात कही गयी ।

लेकिन फिर 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनने पर आडवाणी जी एक तरह से राजनीति के नेपथ्य में चले गए । उन्हें भाजपा की संसदीय बोर्ड से बाहर कर मार्गदर्शक मंडल में शामिल कर दिया गया जिनमें उनके अलावा अटल बिहारी वाजपेई और मुरली मनोहर जोशी जी जैसे वरिष्ठ नेता भी शामिल थे ।

लेकिन अब प्रधानमंत्री मोदी जी ने आडवाणी जी को देश का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान, भारत रत्न पुरस्कार देने की घोषणा करके भारतीय जनता पार्टी और भारतीय राजनीति में उनके योगदान को एक तरह से स्वीकारा है और मान्यता दी है ।

पढ़िए इस बारे में और जायदा, हमारी दूसरी पोस्ट में :-

LK Advani will get 50th Bharat Ratna Award, Prime Minister Modi announced ( लालकृष्ण आडवाणी को मिलेगा देश का 50वा भारत रत्न पुरस्कार, प्रधानमंत्री मोदी ने किया ऐलान ) :

देखिए Lal Krishna Advani Jeevan Parichay के बारे में यह रोचक विडियो :-

Lal Krishna Advani Jeevan Parichay

आशा है आपको हमारी यह पोस्ट, Lal Krishna Advani Jeevan Parichay, लालकृष्ण आडवाणी जीवन परिचय पसंद आयी होगी । पढ़िए देश-दुनियां के अन्य समाचार :-

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Mrs. Pragya एक आर्ट्स ग्रेजुएट हैं । उन्होंने एम जे पी रूहेलखंड यूनिवर्सिटी से अपना BA किया है । उन्हें साहित्य में रूचि है । वे विशेषकर कहानियां पढ़ना पसंद करतीं हैं । इसके आलावा वे काम की न्यूज को ऑनलाइन खोजती हैं और उन्हें इस ब्लॉग के माध्यम से हिंदी में पाठको तक पहुंचाती हैं ।
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