27 Feb. order of Supreme Court on Patanjali, Court slams Patanjali, पतंजलि पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, सुप्रीम कोर्ट ने पतंजली को फटकारा, भ्रामक विज्ञापनों पर लगाई रोक :

Supreme Court on Patanjali

Supreme Court on Patanjali : बाबा रामदेव की कंपनी, पतंजलि को सुप्रीम कोर्ट ने जमकर फटकारा, गुमराह करने वाले विज्ञापनों पर लगाई रोक : सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि के गुमराह करने वाले विज्ञापनों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाते हुए उसे जमकर फटकार भी लगाई है । साथ ही इस मामले में केंद्र सरकार के ऊपर भी नाराजगी बताते हुए पूछा है कि आखिर इस कंपनी के खिलाफ अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई ? आईए जानते हैं क्या था यह मामला और सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को लेकर क्या कहा ?

Supreme Court on Patanjali ( पतंजलि पर सुप्रीम कोर्ट ) :

Supreme Court on Patanjali : 27 फरवरी, दिन मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव की कंपनी, पतंजलि आयुर्वेद को बड़ा झटका देते हुए उसकी दवाओं के विज्ञापनों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी । साथ ही कंपनी को कड़ी फटकार लगाते हुए अपने पुराने आदेश के उल्लंघन पर उसे अवमानना का नोटिस भी जारी किया । इसके साथ ही सरकार को भी कड़ी फटकार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि इस मामले में अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई ।

असल में इस कंपनी के भ्रामक विज्ञापनों को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ( IMA )ने कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसमे IMA का कहना था कि कई मीडिया प्लेटफॉर्म पर पतंजलि आयुर्वेद के भ्रामक ऐड दिखाए जाते हैं जिनमें उसकी दवाओं से कुछ ऐसी बीमारियां ठीक करने का दावा किया जाता है, जिनका कि कोई मेडिकल प्रमाण मौजूद नहीं है । फिर भी उसके द्वारा इस तरह के विज्ञापन कई मीडिया प्लेटफॉर्म पर लगातार चलाये जा रहें हैं ।

Order of Supreme Court on Patanjali ( पतंजलि पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला ) :

इस मामले के ऊपर अपना फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किया कि पतंजलि अबसे अपने ऐसे किसी भी दवा उत्पादन का प्रचार नहीं करेगा जिसमें यह दावा किया जा रहा हो कि वह Drugs and Magic Remedies Act में बताई गई बीमारियों का इलाज कर सकता है । सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पतंजलि को इस तरह के गुमराह करने वाले विज्ञापन चलाने की अनुमति नहीं है ।

यह बेहद गंभीर मुद्दा है :

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को एक बेहद गंभीर मुद्दा बताते हुए भारत सरकार के आयुष मंत्रालय से पूछा कि इस मामले मैं अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई जबकि इस कम्पनी के खिलाफ पहले भी शिकायत की गयी थी ।

सरकार अपनी आंखें बंद करके बैठी है :

केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है कि सरकार अपनी आंखें बंद करके बैठी है । 2022 में इस कम्पनी के खिलाफ याचिका दाखिल होने के बावजूद भी इसके गुमराह करने वाले विज्ञापनों पर केंद्र सरकार द्वारा कोई एक्शन नहीं लिया जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है, सरकार को तत्काल कार्रवाई करनी होगी । हम आगे से पतंजलि के विज्ञापनों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने जा रहे हैं ।

पतंजलि आयुर्वेद के डायरेक्टर्स को अवमानना नोटिस :

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पतंजलि आयुर्वेद के डायरेक्टर्स के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी करते हुए कहा ‘ पूरे देश को धोखे में रखा गया । अपने दो साल इंतजार किया और लगातार अपने विज्ञापन चलते रहे जबकि यह Drugs Act का उल्लंघन है । इस मामले में बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ शोकॉज नोटिस जारी करते हुए कोर्ट ने उनसे पूछा है कि आपके खिलाफ कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई क्यों नहीं करनी चाहिए ? अगले दो सप्ताह में अपना जवाब दाखिल करें ।

Big Points in order of Supreme Court on Patanjali ( पतंजलि पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की बड़ी बातें ) :-

  • सरकार इस मामले में पूरी तरह अपनी आंखें बंद करके बैठी है ।
  • पतंजलि के इन गुमराह करने वाले विज्ञापनों से पूरे देश को गुमराह किया जा रहा है ।
  • इस मामले में सरकार को तत्काल कोई कार्रवाई करनी चाहिए ।
  • पतंजलि को अपनी दवाओ के विज्ञापनों पर तुरंत रोक लगाने का आदेश दिया जाता है ।

देखिए लोकमत हिंदी का यह youtube video : –

Lokmat Hindi youtube video about order of Supreme Court on Patanjali

इस तरह देखा जाए तो बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से एक बड़ा झटका लगा है । अब देखना यह है कि बाबा रामदेव और उनकी कंपनी, पतंजलि आगे इस मामले में क्या करती है और सुप्रीम कोर्ट के नोटिस का क्या जवाब देती है ?

आशा है आपको हमारी यह पोस्ट, Order of Supreme Court on Patanjali ( पतंजलि पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला) पसंद आयी होगी, पढ़िए देश-दुनियां के अन्य समाचार :-

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Pragya
Mrs. Pragya एक आर्ट्स ग्रेजुएट हैं । उन्होंने एम जे पी रूहेलखंड यूनिवर्सिटी से अपना BA किया है । उन्हें साहित्य में रूचि है । वे विशेषकर कहानियां पढ़ना पसंद करतीं हैं । इसके आलावा वे काम की न्यूज को ऑनलाइन खोजती हैं और उन्हें इस ब्लॉग के माध्यम से हिंदी में पाठको तक पहुंचाती हैं ।
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