52 Bharat Ratna, Chaudhary Charan Singh Biography | 52वे भारत रत्न, चौधरी चरण सिंह जीवन परिचय :

Chaudhary Charan Singh Biography

Chaudhary Charan Singh Biography : 9 फरवरी 2024 को भारत सरकार ने किसानों के मसीहा कहे जाने वाले स्व० चौधरी चरण सिंह जी को देश का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान, भारत रत्न पुरस्कार देने की घोषणा की । आईए पढ़ते हैं चौधरी चरण सिंह जी का जीवन परिचय ।

Chaudhary Charan Singh Biography, चौधरी चरण सिंह जीवन परिचय :-

Chaudhary Charan Singh Biography, जन्म और प्रारंभिक जीवन :-

चौधरी चरण सिंह जी का जन्म पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में, बाबूगढ़ छावनी के निकट, नूरपुर गांव में 23 दिसंबर सन 1902 को वहां के एक प्रतिष्ठित जाट परिवार में हुआ था । उनके पिता का नाम चौधरी मीर सिंह था जो स्वयं तो खेती-किसानी का काम करते थे लेकिन चाहते थे कि उनका बेटा अच्छी शिक्षा ग्रहण करे, इसलिए उन्होंने चरण सिंह की प्रारंभिक शिक्षा नूरपुर में ही कराने के बाद उनका दाखिला मेरठ के सरकारी हाई स्कूल में करा दिया था । 

Chaudhary Charan Singh Biography, शिक्षा-दीक्षा और वकालत :-

सन 1923 में विज्ञान विषय से स्नातक करने के बाद उन्होंने 1925 में कला वर्ग से अपनी स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की और उसके बाद आगरा विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की । कानून की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने 1928 में गाजियाबाद में वकालत करनी शुरू कर दी थी । वकालत करने के दौरान ही वे अपनी साफगोई और ईमानदारी के लिए चर्चित हो गए थे । चौधरी चरण सिंह जी उन्ही मुकदमों को लड़ने के लिए लेते थे जिनमें उन्हें अपने वादी का पक्ष न्यायसंगत प्रतीत होता था ।

Chaudhary Charan Singh Biography, भारत के स्वाधीनता आंदोलन में भाग :-

चौधरी चरण सिंह जी इस समय भारत के स्वाधीनता आंदोलन से जुड़ गए थे । वे 1930 में गांधी जी द्वारा किए गए सविनय अवज्ञा आंदोलन में शामिल हुए । इस आंदोलन के दौरान अंग्रेजों का नमक कानून तोड़ने पर उन्हें 6 महीने की जेल की सजा भी हुई, लेकिन वे जरा भी विचलित नहीं हुए और जेल से रिहा होने के बाद उन्होंने अपने आपको पूर्णतया भारत के स्वतंत्रता संग्राम आन्दोलन के लिए समर्पित कर दिया ।

वे 1940 के सत्याग्रह आंदोलन में भी गिरफ्तार हुए, लेकिन 1941 में छूट गए । फिर गांधी जी के अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान भी उन्होंने मेरठ, गाजियाबाद बुलंदशहर और हापुड़ के इलाकों में भूमिगत होकर काम किया और अंग्रेजी शासन को बार-बार चुनौती दी । 

Chaudhary Charan Singh Biography, राजनीतिक जीवन :- 

चौधरी चरण सिंह जी 1929 में कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव पारित होने के बाद से ही राजनीति में सक्रिय हो गए थे । उन्होंने गाजियाबाद में कांग्रेस कमेटी का गठन भी किया । 1937 में, केवल 34 वर्ष की आयु में ही उन्हें छपरौली बागपत विधानसभा के लिए चुना गया था । उन्होंने सबसे पहले किसानों के अधिकारों की रक्षा के लिए 1938 में ही कृषि उत्पाद बाजार विधायक प्रस्तुत किया जिसे भारत के कई राज्यों में अपनाया । 

फिर भारत की स्वतंत्रता के बाद, 1952 में वे उत्तर प्रदेश की विधानसभा के लिए चुने गए और उत्तर प्रदेश में राजस्व मंत्री भी बने । इस दौरान भी वे किसानों के हित में लगातार कार्य करते रहे । उन्होंने 1952 में जमींदारी उन्मूलन विधेयक और 1954 में उत्तर प्रदेश भूमि संरक्षण कानून को पारित करके किसानों को उनका अधिकार दिलाया । सन 1967 में वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर विराजमान हुए, लेकिन फिर 1 साल बाद ही उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और मध्यवधि चुनाव के लिए गए । चुनाव जीतकर वे 1970 में एक बार फिर से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने ।

उसके बाद वे भारत की केंद्र सरकार में गृह मंत्री बने फिर 1979 में उन्होंने भारत के वित्त मंत्री और उप प्रधानमंत्री का कार्यभार संभाला । चौधरी चरण सिंह जी 28 जुलाई सन 1979 को भारत की समाजवादी पार्टियों तथा कांग्रेस यू के सहयोग से भारत के प्रधानमंत्री पद पर सुशोभित हुए हालाँकि वे ज्यादा दिनों तक इस पद पर नहीं रह पाए थे ।

Chaudhary Charan Singh Biography, किसानों के लिए काम :- 

बचपन से ही खेती किसानी के माहौल में पले-बढ़े होने के कारण चौधरी चरण सिंह जी के हृदय में खेती और उसे करने वाले किसानों के प्रति विशेष जगह थी । उन्होंने जीवन भर खेती-किसानी और किसानों के लिए काम किया । उन्होंने किसानों के हित में कृषि उत्पाद बाजार विधायक, भूमि उपयोग विधेयक, जमीदारी उन्मूलंन विधायक, भूमि संरक्षण कानून जैसे अनेक कानूनो को पास कराया ।

इसके आलावा भारत के वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने किसानों के लिए राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक, नाबार्ड की स्थापना भी की । इससे साफ होता है कि वे किसानों के एक सच्चे हितैषी थे । उन्होंने खेती और किसानों की उन्नति के जितने काम किया उनकी दूसरी मिसाल मिलना मुश्किल है । इसलिए उन्हें किसानो का मसीहा भी खा जाता है ।

Chaudhary Charan Singh Biography, मृत्यु :-

किसानो के मसीहा और हमारे पूर्व प्रधानमंत्री, चौधरी चरण सिंह जी का देहांत 29 मई, 1987 को हुआ । दिल्ली में यमुना के किनारे उनकी समाधि बनी है जिसे किसान घाट के नाम से जाना जाता है । उनके जन्मदिन 23 दिसंबर को भारत में राष्ट्रीय किसान दिवस के रूप में मनाया जाता है । 

अभी आपने चौधरी चरण सिंह जी का जीवन परिचय ( Chaudhary Charan Singh Biography ) को पढ़ा । चौधरी चरण सिंह जी अपने जीवनकाल के दौरान अत्यंत महत्पूर्ण पदों पर रहे और उन्हें अनेक पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया । अब भारत सरकार ने उन्हें भारत का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान, भारत रत्न देने की घोषणा की है । इसकी घोषणा कल खुद प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी जी ने सोशल मिडिया प्लेटफोर्म X पर पोस्ट करके की ।  देखें उनकी X पर की गयी पोस्ट :-

PM Modi Post about Bharat Ratna to Chaudhary Charan Singh

PM Modi Twitter Handle: https://twitter.com/narendramodi/

प्रधानमंत्री, मोदी जी ने कल चौधरी चरण सिंह जी आलावा भारत की 2 और महान विभूतियों को भारत रत्न देने कि घोषणा की थी ।  पढ़िए इस बारे में हमारी पोस्ट :-

PM Modi announced 3 more Bharat Ratna, देश की तीन और महान विभूतियों को मिलेगा भारत रत्न, प्रधानमंत्री मोदी ने किया ऐलान :

भारत रत्न पुरस्कार क्या है ? कैसे मिलता है ? कितनी है पुरस्कार राशि और क्या-क्या मिलती हैं सुविधाएं ? इस बारे में जानने के लिए पढ़े हमारी पोस्ट :-

What is Bharat Ratna Award ? भारत रत्न क्या है ? कैसे मिलता है ? कितनी है पुरस्कार राशि ?

उम्मीद है आपको हमारी यह पोस्ट, Chaudhary Charan Singh Biography, चौधरी चरण सिंह जीवन परिचय पसंद आयी होगी ।  पढ़िए देश दुनियां के अन्य समाचार :-

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Mrs. Pragya एक आर्ट्स ग्रेजुएट हैं । उन्होंने एम जे पी रूहेलखंड यूनिवर्सिटी से अपना BA किया है । उन्हें साहित्य में रूचि है । वे विशेषकर कहानियां पढ़ना पसंद करतीं हैं । इसके आलावा वे काम की न्यूज को ऑनलाइन खोजती हैं और उन्हें इस ब्लॉग के माध्यम से हिंदी में पाठको तक पहुंचाती हैं ।
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